Sunday, Dec 7, 2025
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पांच पीढ़ियों से रावण का पुतला बना रहा है मुसलमान परिवार

आगरा: दशहरा से एक महीना पहले हर साल आगरा की रामलीला के लिए ‘लंकापति’ रावण और अन्य का पुतला बनाने का काम 75 वर्षीय जफर अली और उनके परिवार को सौंपा जाता है, ताकि विजयदशमी के दिन पुतला दहन किया जा सके।
पांच पीढ़ियों से रावण का पुतला बनाने का काम कर रहे परिवार के मौजूदा मुखिया अली ने कहा, ‘‘आगरा रामलीला समिति के सदस्य हमें पुतले बनाने के लिए बुलाते हैं और अलग-अलग आकार के पुतले बनाने के लिए हम करीब एक महीने तक रामलीला मैदान में ही ठहरते हैं।’’ रामलीला समाप्त होने के बाद समिति अली और उनके परिवार को सम्मानित भी करती है।

अपने कौशल के बारे में बात करते हुए अली ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मैं बचपन से इस पेशे में हूं। अब हमारे परिवार की पांचवीं पीढ़ी इस पेशे में है। पहले मैं अपने दादा और पिता के साथ आया करता था और अब मैं परिवार के अन्य सदस्यों और कामगारों की अगुवाई कर रहा हूं।’’

उन्होंने बताया कि उनके परिवार में 18 सदस्य हैं और सभी पुतले बनाने में कुशल हैं।

अली ने बताया, ‘‘कोविड-19 के कारण दो साल बाद इस बार रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। रावण का पुतला करीब 100 फुट ऊंचा है और कुंभकरण तथा मेघनाद का पुतला क्रमश: 65 और 60 फुट ऊंचा है। पुतलों की ऊंचाई समिति की मांग पर निर्भर करती है।’’

उन्होंने बताया कि हर साल पुतले की ऊंचाई अलग-अलग होती है।

अली ने बताया, ‘‘पुतलों को बनाने में करीब एक महीने का समय लगता है। ये पुतले रंगीन कागज, जूट की रस्सियों, आटे से बने गोंद (लेई) और बांस की कमाची से बनाए जाते हैं।’’

उन्होंने कहा कि कोविड के बाद फिर से यहां आकर उनके परिवार को अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस साल सभी खुश हैं, क्योंकि हमें अपनी कला दिखाने का मौका मिल रहा है।’’

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