ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की जिला अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक जांच की मांग खारिज कर दी है। कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक जांच की मांग हिंदू पक्ष की ओर से की गई थी।जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने कार्बट डेटिंग मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। वाराणसी जिला अदालत के इस फैसले को हिंदू पक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी। हिंदू पक्ष के विष्णु जैन ने कहा कि वे वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
कोर्ट के फैसले पर हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा-हमारी कार्बन डेटिंग की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि शिवलिंग के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो, अभी इसकी आवश्यकता नहीं है। हम हाईकोर्ट में भी अपनी बात रखेंगे क्योंकि विज्ञान की कसौटी पर जीवन जिया जा सकता है।
दरअसल, हिंदू पक्ष परिसर में मिले शिवलिंग जैसे स्ट्रक्चर को शिवलिंग कह रहा है वहीं, दूसरा यानी मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है। हिंदू पक्ष इस बात की मांग कर रहा है कि शिवलिंग की जांच के लिए कार्बन डेटिंग कराई जाए। ताकि उसकी उम्र का पता चले और मामला साफ हो जाए। लेकिन कोर्ट ने हिंदू पक्ष की मांग खारिज कर दी। बता दें कि कार्बन डेटिंग की मांग 4 महिलाओं ने की है।
इस साल मई में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे हुआ था। सर्वे में मस्जिद के वजूखाने के बीच में एक शिवलिंग जैसा स्ट्रक्चर मिला है, जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है, वहीं मुस्लिम पक्ष उसे फव्वारा बता रहा है। ऐसे में अब याचिकाकर्ताओं की मांग थी कि ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग के साथ-साथ साइंटिफिक टेस्ट कराई जाए। साथ ही शिवलिंग को किसी तरह का नुकसान न पहुंचाया जाए।


