करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो इस साल 13 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ पर रात को चाँद देखकर पति के हाथों से जल पीकर व्रत खोलने की प्रथा है। लेकिन इस साल मौसम का मिजाज थोड़ा बदला हुआ है। कई शहरों में आसमान में घने बादल छाए रहने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में सवाल यह है कि अगर चाँद नहीं दिखेगा तो महिलाएं अपना व्रत कैसे खोलेंगी। चलिए हम आपको बताते हैं कि बिना चाँद का दीदार किए महिलाएं अपना करवा चौथ का व्रत कैसे खोल सकती हैं।
करवाचौथ पर चांद नजर नहीं आ रहा है तो परेशान होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। चाँद आसमान में मौजूद है, भले ही आप उसे देख पा रहे हैं या नहीं। इसलिए करवा चौथ पर चंद्रोदय के समय आप चाँद की पूजा सकती हैं और अपना व्रत खोल सकती हैं। चंद्रोदय के समय चाँद की पूजा करने के लिए आप एक सफेद कागज पर चांद की आकृति बनाकर उसे अपने पति को दे दें। फिर छलनी में दीप रखकर उस चांद को देखते हुए अपना व्रत खोल लें। ध्यान रखें कि चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले लोटे में जल भरकर मां गौरी और भगवान गणेश की पूजा करें।
करवा चौथ व्रत का शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय
करवा चौथ व्रत पूजा का शुभ समय: 13 अक्टूबर गुरुवार शाम 05:54 से 07:09 बजे
चंद्रोदय का समय: 08:09 बजे
करवा चौथ पूजा विधि
करवा चौथ के दिन सबसे पहले सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें। फिर सास द्वारा दी गई सरगी सुबह सूर्योदय से पहले ग्रहण करें। भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें। व्रत का पारण रात में चंद्रमा के दर्शन करके, अर्घ्य देकर ही करें।


