आरबीआई ने ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक अक्टूबर से भुगतान कार्डों को टोकन में बदलना अनिवार्य कर दिया है। टोकनीकरण के तहत क्रेडिट और डेबिट कार्ड के विवरण को ‘टोकन’ नामक एक वैकल्पिक कोड में बदला जाता है। आरबीआई इससे पहले कई बार इसे अपनाने की समयसीमा को बढ़ा चुका है। यह पूछने पर कि क्या समयसीमा को एक बार फिर बढ़ाया जाएगा, शंकर ने कहा, ‘‘… प्रणाली तैयार है। लगभग 35 करोड़ टोकन पहले ही बनाए जा चुके हैं।’’ उन्होंने कहा कि सितंबर में कुल लेनदेन का लगभग 40 प्रतिशत टोकन के जरिये किया गया और इसके जरिये करीब 63 करोड़ रुपये के लेनदेन किए गए।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अगस्त के अंत तक प्रणाली में डेबिट और क्रेडिट कार्ड की कुल संख्या 101 करोड़ से अधिक है।
शंकर ने कहा कि मार्च, 2020 में पहली बार नियम जारी करने के बाद से आरबीआई लगातार हितधारकों से बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक यह सुनिश्चित करना चाहता है कि टोकन को अपनाने की प्रक्रिया पूरी तरह से आसान हो।



मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि लगभग 35 करोड़ कार्ड को टोकन में बदला जा चुका है और प्रणाली एक अक्टूबर से निर्धारित नए मानदंडों के लिए तैयार है। डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि प्रणाली में कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी अनिच्छा के कारण इसका पालन नहीं किया और उम्मीद है कि वे जल्द ही इन मानदंडों का पालन करेंगे।