परफोर्मिंग एंड विजुअल ऑर्ट और ह्यूमैनिटीज के पहले बैच के छात्रों से मिलने और उनके अनुभव को जानने के लिए आज़ उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को द्वारका में केजरीवाल सरकार के दो स्कूल ओफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का दौरा किया| अपनी विजिट के दौरान शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने द्वारका स्थित सेक्टर-19 व सेक्टर-22 के स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का दौरा किया व इन स्कूलों के पहले बैच के बच्चों के साथ उनकी पढ़ाई को लेकर चर्चा की|
*केजरीवाल सरकार के स्कूल में फॉरेन लैंग्वेज भी सीख रहे बच्चे, शिक्षामंत्री का फ्रेंच व जर्मन में किया अभिवादन
केजरीवाल सरकार के स्कूलों में बच्चों को एक्सपोज़र देते हुए उन्हें कई फॉरेन लैंग्वेज भी सिखाई जा रही है| इसका उदाहरण रहा कि आज शिक्षा मंत्री के विजिट के दौरान परफोर्मिंग एंड विजुअल आर्ट एसओएसई, सेक्टर 19 में बच्चों ने फ्रेंच व जर्मन भाषा में उनका अभिवादन किया| इस स्कूल में बच्चों को फाउंडेशनल कोर्स के तहत लैंग्वेज, मैथ्स, साइंस व सोशल साइंस पढ़ाई जा रही है साथ ही परफोर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के स्पेशलाइजेशन में उन्हें क्लासिकल इंडियन व वेस्टर्न म्यूजिक, फिल्म-मेकिंग, स्कल्पचरिंग सहित दृश्य व प्रदर्शन कला के विभिन्न फॉर्म्स सिखाए व उनमें आगे बढ़ने के मौके दिए जाते है|
इस मौके पर श्री सिसोदिया ने कहा कि, अबतक सिस्टम में ऐसे स्कूल थे जो बच्चों को डॉक्टर-इंजिनियर बनाना तय करते थे| लेकिन कभी किसी ने यह कल्पना नहीं की थी कि ऐसे स्कूल भी होंगे जहाँ बच्चों के अंदर की प्रतिभा को निखारते हुए यह तय किया जाएगा कि उन्हें आर्टिस्ट बनाना है| उन्होंने कहा कि इस स्कूल ने बच्चों को आर्टिस्ट बनाने के इस सपने को मात्र 1 साल में शानदार उड़ान देने का काम किया है|
स्कूल में शिक्षामंत्री से चर्चा के दौरान अपने अनुभवों को साझा करते हुए एक स्टूडेंट ने बताया कि इस स्कूल में मैथ्स व साइंस को जिस गंभीरता से पढ़ाया जाता है ठीक उतनी ही गंभीरता के साथ परफोर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स भी पढ़ाया जाता है|
एक अन्य विद्यार्थी ने इस स्कूल की तुलना अपने पिछले प्राइवेट स्कूल से करते हुए कहा कि यहां पढ़ाई का पूरा पैटर्न ही बदल गया है| पिछले स्कूल में जहाँ रटने पर फोकस किया जाता था उसकी बजाय यहां कॉन्सेप्ट्स को समझने पर ज्यादा फोकस किया जाता है|
*स्कूल में बच्चे बना रहे अपना पोर्टफोलियों, रटने के बजाय समझने पर आधारित हो गई है पूरी पढ़ाई, म्यूजिक व आर्ट के माध्यम से सीख रहे है गणित
श्री सिसोदिया ने स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में बच्चों के असेसमेंट के पैटर्न को भी समझा| यहां परीक्षा में बच्चों के ज्ञान से ज्यादा उसकी समझ का असेसमेंट किया जाता है और पूरी परीक्षा भी इसी के अनुरूप डिज़ाइन की जाती है| बच्चों ने शिक्षा मंत्री के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे अब पिछले स्कूलों की तरह गणित या विज्ञान में चीजों को रट नहीं रहे बल्कि म्यूजिक-आर्ट व अपने जीवन में होने वाली विभिन्न घटनाओं से जोडकर इन कॉन्सेप्ट्स को समझने का काम कर रहे है| साथ ही बच्चों ने बताया कि वो फाउंडेशनल व स्पेशलाइज्ड दोनों कोर्सेज के पोर्टफोलियो बना रहे है ताकि सेल्फ असेसमेंट के साथ वो अपनी प्रगति को जाँच सकें और अपने बेहतरी के क्षेत्र में काम कर सकें|
*क्या है केजरीवाल सरकार के परफोर्मिंग एंड विजुअल आर्ट के स्पेशलाइज्ड स्कूल
परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स एसओएसई विद्यार्थियों को नए ज़माने की शिक्षा प्रदान करता है, जहाँ एकेडेमिक स्टडीज़ को परफॉर्मिंग एवं विजुअल आर्ट्स के प्रोफेशनल ट्रेनिंग के साथ इंटीग्रेट किया जाता है। यहाँ विद्यार्थियों को अपनी पसंद के आर्ट फॉर्म में स्पेशलाइज करने के लिए उपयुक्त मंच प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही सभी परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के बीच मौजूद कनेक्शन को व्यापक तरीके से एक्सप्लोर करने का मौका भी दिया जाता है। परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स एसओएसई उन विद्यार्थियों के लिए सबसे उपयुक्त है जो कला में रुचि रखते हैं और न केवल परफॉर्मिंग आर्टिस्ट के रूप में बल्कि क्रिएटिव इन्डस्ट्रीज़ से संबंधित भूमिकाओं में भी अपना करियर बनाने के इच्छुक हैं। यहां विद्यार्थियों को परफॉर्मेंस अपॉर्च्यूनिटी, इंडिविजुअल प्रोजेक्ट, इंटर्नशिप्स, इंडस्ट्री विज़िट, आर्टिस्ट एक्सपोजर इत्यादि के माध्यम से उनके द्वारा चुने गए कला क्षेत्र में वित्तीय रूप से आकर्षक विभिन्न करियर अपनाने के लिए प्रैक्टिकल एक्सपोजर के मौके दिए जाते है|
*केजरीवाल सरकार के ह्यूमैनिटीज एसओएसई में तैयार हो रहे भविष्य के आईएएस अफसर, जर्नलिस्ट, इतिहासकार
श्री सिसोदिया ने पाया कि इस स्कूल में बच्चों को अंतरराष्ट्रीय संबंधों, अंतरराष्ट्रीय कानून फ्रेमवर्क आदि के विषय में भी सिखाया जा रहा है| बच्चे न केवल इसपर अपने विचार प्रस्तुत कर रहे है बल्कि इसपर होने वाले गंभीर चर्चाओं में भी शामिल हो रहे है| स्कूल में बच्चों को पार्लियामेंट्री प्रोसिडिंग सीखाने के लिए यूथ पार्लियामेंट का आयोजन किया जा रहा है| स्टूडेंट्स को इतिहास के विभिन्न कालखंडो का फर्स्ट-हैण्ड एक्सपीरियंस हो इसके लिए पुरातात्विक चीजों के नमूनों से कोरिडोर को सजाया गया है|
इसपर श्री सिसोदिया ने कहा कि कभी किसी ने सोचा तक नहीं होगा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को इतनी सुविधाएँ व आगे बढ़ने के लिए एक्सपोज़र मिलेगा| लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्त्व में हमने इसे सच साबित कर दिखाया है| क्योंकि मुख्य्म्नात्री जी का मानना है कि शिक्षा एकमात्र ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम भारत की विश्व का नंबर.1 देश बना सकते है| और यह तब ही संभव होगा जब देश में हर तबके के बच्चे को वर्ल्ड-क्लास शिक्षा मिले|
*केजरीवाल सरकार के ह्यूमैनिटीज एसओएसई में किताबों के बजाय ‘मूट कोर्ट’ के माध्यम से आज के विद्यार्थी कर रहे कल के लॉयर- जज बनने की तैयारी*
विजिट के दौरान शिक्षा मंत्री ने देखा कि केजरीवाल सरकार के ह्यूमैनिटीज एसओएसई, द्वारका सेक्टर-22 में लॉ की प्रोसिडिंग समझने के लिए बच्चों द्वारा ‘मूट कोर्ट’ का आयोजन किया जा रहा है| जहाँ बच्चे लॉयर व जस्टिस की भूमिका निभा रहे है| एविडेंस प्रस्तुत कर रहे है, क्रॉस एग्जामिनेशन कर रहे है| इसपर शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के लीगल सिस्टम को मजबूत बनाने की दिशा में छोटी उम्र से ही हमारे स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को लॉ सिखाया जा रहा है यह बेहद गर्व की बात है| उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के स्कूलों में आज विद्यार्थी कल के लॉयर- जज बनने की तैयारी कर रहे है|
*क्या है केजरीवाल सरकार का ह्यूमैनिटीज एसओएसई*
ह्यूमैनिटीज एसओएसई उन विद्यार्थियों को ह्यूमैनिटीज़ और सोशल साइंस में वर्ल्ड-क्लास एजुकेशन प्रदान करेगा जो भविष्य में वकील, जर्नलिस्ट, डेवलपमेंट प्रोफेशनल, रिसर्चर, अर्बन प्लानर और दूसरे अन्य प्रोफेशनल बनने की इच्छा रखते हैं। ये एसओएसई विद्यार्थियों में क्रिटिकल थिंकिंग, रिसर्च, लॉजिकल रीज़निंग जैसे स्किल्स डेवलप करने के साथ-साथ हिस्ट्री, जियोग्राफी, पॉलीटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स, फिलोसफी, सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी इत्यादि सब्जेक्ट्स में स्पेशलाइजेशन प्रदान करते है। ह्यूमैनिटीज एसओएसई के विद्यार्थी विभिन्न ऑर्गेनाईज़ेशन्स के निर्माण और उन्हें कैसे मजबूत बनाया जाए, सीखने के साथ ही जटिल सामाजिक-आर्थिक मुद्दों को हल करने के लिए भी तैयार होंगे और अपने चुने हुए क्षेत्रों में भविष्य के टॉप प्रोफेशनल बनेंगे।
*चर्चा के दौरान स्टूडेंट ने बताया अब किताबों में नहीं बल्कि जीवन के अनुभवों में ढूंढते है परीक्षा के सवालों के जबाव
चर्चा के दौरान स्टूडेंट ने साझा किया कि एसओएसई में एग्जाम का पैटर्न पूरी तरह अलग है| और यहां हम परीक्षा में सवालों का जबाव किताब से नहीं बल्कि अपने जीवन में सीखे अनुभवों के आधार पर करते है| यहां क्वेश्चन पेपर का डिज़ाइन ही कुछ ऐसा होता है जिसे केवल कांसेप्ट की समझ के साथ ही सॉल्व किया जा सकता है|


